सामुदायिक नलकूप योजना: अगर आप भारत देश में रहते है तो आपको अवश्य पता होगा की हमारे देश में कई कल्याणकाणी योजना का आयोजन किया जा चूका है है जिसका लाभ भारत का वह हर आम नागरिक उठा सकता है, तो आज के इस हिंदी लेख में हम आपको सामुदायिक नलकूप योजना के बारे में बताने जा रहे है। जिसका फायदा आप सब उठा सकेंगे घर बैठे तो आपको सामुदायिक नलकूप योजना के लिए आवेदन कैसे करना है और कौन कौन कर सकता है इसकी समस्त जानकारी इस लेख में उपलब्ध है।
बता दे एक छोटे किसान के जीवन में खेती के लिए ट्रैक्टर और सिंचाई के नलकूप ( बोरिंग ) का होना बहुत जरुरी होता है। जिन किसानों के पास जोतने के लिए बेहद कम जमीन है। उनके लिए बोरिंग करा पाना एक सपने की तरह ही होता है। ज्यादातर किसानों की आय कम होने के कारन से वे बोरिंग कराने की सोच भी नहीं सकते है। तो बोरिंग के लिए किसानों को अच्छी खासी रकम खर्च करना पास जाता है।
लेकिन देश में केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकारें, किसानों को बोरिंग के लिए कई सारी योजनाओं के माध्यम से सरकारी सहायता दिया जाता है। सरकारी सहायता के तौर पर किसानों को नलकूप या बोरिंग के लिए सब्सिडी भी दिया जाता है, या कई जगह पर सरकारी योजना के माध्यम से फ्री बोरिंग भी कराया जाता है। लेकिन इस योजना में कई सारी पात्रता शर्तें भी होती हैं। आज के इस हिंदी लेख में हम किसानों के समक्ष ऐसी योजना की जानकारी लेकर आ चुके हैं। जो सामान्य, ओबीसी, एससी और एसटी सभी वर्ग के किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
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क्या है सामुदायिक नलकूप योजना-(What is community tube well scheme?)
बता दे सामुदायिक नलकूप योजना एक ऐसी योजना होता है, जिसके अंतर्गत किसानों को सामूहिक तौर पर बोरिंग उपलब्ध कराया जाता है। इस नलकूप का एक अध्यक्ष नियुक्त होता है, बोरिंग की जिम्मेदारी उसी को सौंपी जाती है। जो सामूहिक तौर पर बोरिंग मिलने से किसान समय-समय पर अपने खेत की सिंचाई कर अपने उत्पादन बढ़ा सकेंगे। किसानों की आय बढ़ाने और लागत को कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सामूहिक नलकूप योजना की शुरुआत कर दिया गया जिसका लाभ हर गरीब किसान उठा सकता है इस लेख को पढ़ना जारी रखे।
कितना मिलेगा किसानों को लाभ(How much will farmers benefit?)
आपको बता दे ये योजना बिहार समेत अन्य राज्य के किसानों के लिए शुरू किया गया है। किसानों को बोरिंग कराने के लिए सरकार द्वारा 80% तक की सब्सिडी दिया जा रहा है। किसान समूह मात्र 20% लागत राशि का भुगतान कर बोरिंग करा सकेंगे। बिहार में बोरिंग की लागत अलग-अलग जगहों पर कम या ज्यादा होती है। सामान्यतः 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की लागत में बोरिंग किया जाता है।
और कम भूमिगत जल स्तर वाले क्षेत्रों में 1 लाख रूपये की राशि दिया जाता है। जबकि ज्यादातर जगहों पर 50 हजार रूपए में बोरिंग कर दिया जाता है। इस तरह किसानों को 50 हजार रूपए का 20% राशि यानी 10 हजार या 20 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता है। अगर बोरिंग 50 हजार रुपए में होती है तो सरकार 40 हजार रुपए अनुदान देती है।
1000 रुपए में कैसे होगा बोरिंग(How will it be boring in 1000 rupees?)
बता दे बिहार,यूपी,एमपी समेत अन्य राज्यों में किसान समूहों को इस योजना का लाभ दिया जरा है। कम से कम अगर 10 किसानों का समूह हो और अगर बोरिंग की लागत 50 हजार रुपए तक आती है। तो सभी किसानों को 20% का भुगतान करना पड़ेगा। 50 हजार का 20 प्रतिशत, 10 हजार रूपये का भुगतान कुल 10 किसानों को करना पड़ेगा। इस तरह प्रति किसान मात्र 1000 रुपए की लागत में बोरिंग करवा सकेंगे। आगे अपने खेतों में समय-समय पर सिंचाई कर इसका लाभ उठा सकेंगे।
किन किसानों को मिलेगा लाभ / पात्रता शर्तें(Which farmers will get the benefit? Eligibility Conditions)
बता दे ऐसे किसान जो 0.5 एकड़ से अधिक जमीन के मालिक होते हैं या फिर जिनके पास 0.5 एकड़ जमीन होती है, वे इस योजना का लाभ आसानी से ले सकेंगे। हालांकि इसके अलावा भी कुछ पात्रता शर्ते है कृपया निचे देखे।
आपके जानकारी के लिए बता दे सामूहिक नलकूप योजना में आवेदन करने के लिए किसान का डीबीटी पंजीकरण होना जरुरी होता है।
पंजीकरण का लाभ सिर्फ उन किसानों को दिया जाएगा जो कम से कम अगले 7 वर्षों तक सूक्ष्म सिंचाई या ड्रिप सिंचाई का वादा करते है। सामूहिक नलकूप का लाभ लेने के लिए किसान समूह का कम से कम 7 वर्षों तक सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग करना पड़ेगा।
एग्री एंड कंटिन्यू ( सहमत और जारी रखें ) पर क्लिक कर आगे बढ़ जाना है।
समूह अध्यक्ष का डीबीटी पंजीकरण संख्या भरें और सर्च पर क्लिक कर देना है।
इसके बाद मांगी गई सभी आवश्यक जानकारियां भर कर आवेदन को पूरा कर सकते है ।
जरुरी सुचना –
आपको बता दे अगर आप सब इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए आप अपने ग्राम प्रधान या अपने स्टेट के ऑफिसियल साइट पर जाकर आवेदन कर सकते है। हमने इसके लिए क्योकि अलग अलग राज्यों के लिए अलग अलग प्रोसेस है। तो आवेदन करने से पहले एक बार ग्राम प्रधान से बात विमर्श करले
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